सरकार की तरफ से परिवार पहचान पत्र को लेकर लोगों को बड़ी राहत देने का काम किया गया है। करीब चार महीनों से लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही थी, लेकिन अब उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा। सरकार की तरफ से सभी परिवारों के परिवार पहचान पत्र बना दिए गए हैं।
नगर परिषद और नगर पालिकाओं की तरफ से पहचान पत्र बनाने का कार्य किया गया था। ऐसे में लोगों के पीपीपी में कई तरह की गलतियां की हुई थी। ऐसा इसलिए हुआ था कि लोग अपने कागजात कर्मचारियों को देकर चले जाते थे। उसके बाद कर्मचारी पहचान पत्र बना देते थे, लेकिन गलतियां हो जाती थी।
ऐसे में लोग तीन बार ही पहचान पत्र को अपडेट करवा सकते थे। इसमें सबसे बड़ी समस्या सामने आई आय से संबंधित। कई लोगों के आवेदनों में कर्मचारियों ने एक से तीन लाख रुपये तक की सालाना आय भर दी थी। अब सरकार की तरफ से सभी सरकारी सेवाओं का लाभ देने के लिए पीपीपी अनिवार्य किया हुआ है।
ऐसे में जिन परिवारों की आय गलत भरी हुई थी, उनकी आय ठीक नहीं हो पा रही थी। आय ठीक करवाने के लिए लोगों ने नगर परिषद और प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर लगाए, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। अब सरकार ने आय को अपडेट करने का पोर्टल खोल दिया है। यानि अब शहर के लोग आय को ठीक कर सकते हैं।
आठ अंकों की मिली हुई है आइडी :- पीपीपी हरियाणा में प्रत्येक परिवार की पहचान करता है। परिवार के बुनियादी डेटा को डिजिटल प्रारुप में परिवार की सहमति से प्रदान करता है। प्रत्येक परिवार को आठ अंकों का परिवार आइडी प्रदान किया जाता है। फैमिली डेटा के आटोमेटिक अपडेशन को सुनिश्चित करने के लिए फैमिली आइडी को जन्म, मृत्यु और विवाह रिकार्ड से जोड़ा गया है। सरकार फैमिली आइडी से छात्रवृत्ति, सब्सिडी और पेंशन जैसी योजनाओं को जोड़ रही है। एक बार परिवारों का डेटाबेस बनने के बाद परिवारों को प्रत्येक व्यक्तिगत योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। उपायुक्त प्रदीप दहिया ने बताया कि सरकार की तरफ से परिवार पहचान पत्र में आय सुधार का विकल्प खोल दिया गया है। कई ऐसे लोग थे, जिनकी आय गलत दर्ज होने के कारण सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे थे।